Vol. 44 No. 01 (2023): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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शिक्षा में बढ़ता आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस आधारित भाषा मॉडल चैटजीपीटी का प्रयोग संभावनाएं और चुनौतियाँ

पुष्पेंद्र यादव
शोधार्थी, शिक्षा विभाग (केंद्रीय शिक्षा सं स्थान), दिल्ली विश्‍वविद्यालय, दिल्ली 110007

Published 2025-12-04

Keywords

  • चैटजीपीटी (ChatGPT),
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.),
  • प्राकृतिक भाषा,
  • संवादी मॉडल

How to Cite

यादव प. (2025). शिक्षा में बढ़ता आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस आधारित भाषा मॉडल चैटजीपीटी का प्रयोग संभावनाएं और चुनौतियाँ. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 44(01), p.41-52. https://doi.org/10.64742/f27ed603

Abstract

कृत्रिम बुद्धिमत्ता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) आधारित प्रौद्योगिकी का विकास पिछले लगभग एक दशक में इतनी तेजी से हुआ है कि आज के समय में किसी-न-किसी रूप में यह हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा में ए.आई. के समचिुत समावेशन करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। उच्च प्राथमिक स्तर, स्नातक और परास्नातक स्तर पर ए.आई. को एक विषय के रूप में मान्यता प्राप्‍त होना, इसके बढ़ते महत्‍व को दर्शाता है। चैटबोट एक प्रकार का ए.आई. आधारित भाषा मॉडल होता है, जिसे मनुष्यों से बातचीत करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। पिछले दशकों में कई प्रकार के चैटबोट विकसित किए जा चुके हैं, जो किसी विशेष उद्देश्य या परिप्रेक्ष्य में मनुष्यों की अनुक्रियाओं पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं, किंतु जितना उत्साह और आश्‍चर्य चैटजीपीटी (ChatGPT) के लिए देखा गया है, वह असाधारण है। जैसे-जैसे इसके उन्नत संस्करण आए वैसे-वैसे शिक्षाविदों, शोधार्थियों और तकनीक की जानकारी रखने वाले व्यक्‍त‍ियों में इसकी चर्चा बढ़ी है, जिसका मुख्य  कारण इसकी सटीकता और विश्‍वसनीयता है। वास्तव में चैटजीपीटी अब तक का सबसे शक्‍त‍िशाली ए.आई. आधारित संवादी मॉडल है, जिसे इटंरनेट पर उपस्थित विशाल ज्ञान कोश के आधार पर मानवीय पुनर्बलन द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। यह प्राकृतिक भाषा को समझने में सक्षम है। किसी समस्या या प्रश्‍न के पूछे जाने पर मनुष्यों की भाँति तर्कपूर्ण और गं भीर चिंतन पर आधारित उत्तर प्रदान कर सकता है। पिछले कुछ वर्षों से चैटजीपीटी का प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में अधिक होने लगा है। इस लेख में चैटजीपीटी के शिक्षा के क्षेत्र मे बढ़ते प्रयोग से उत्पन्न होने वाली नई संभावनाएँ और चुनौतियों का सूक्ष्मतापूर्ण विश्‍लेषण प्रस्तुत किया गया है।