शिक्षा की परम्परिक व आधुनिक अवधारण ओर शिक्षा की भूमिका
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शिक्षा के विकास के साथ-साथ इसकी परंपरागत और आधुनिक अवधारणाओं में भी महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। परंपरागत शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान के संचयन और उसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का था, जबकि आधुनिक शिक्षा ने इस अवधारणा को और विस्तारित किया है, जिसमें सृजनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, और व्यावहारिक कौशल को बढ़ावा दिया जाता है। यह लेख इन दोनों अवधारणाओं के बीच के अंतर और शिक्षा की भूमिका पर गहन विचार प्रस्तुत करता है, जो न केवल व्यक्तिगत विकास, बल्कि समाज के समग्र उन्नति में भी महत्वपूर्ण है।
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चित्रा सिंह. (2024). शिक्षा की परम्परिक व आधुनिक अवधारण ओर शिक्षा की भूमिका . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 35(01), p. 30-35. https://ejournals.ncert.gov.in/index.php/bas/article/view/1898