Vol. 42 No. 2 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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पेशेवर शिक्षक का बनना एक सतत यात्रा

मधुलिका झा
प्रोजेक्ट एसोसिएट, अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली

Published 2025-07-30

Keywords

  • शिक्षण कार्य,
  • सेवाकालीन प्रशिक्षण

How to Cite

झा म. (2025). पेशेवर शिक्षक का बनना एक सतत यात्रा. प्राथमिक शिक्षक, 42(2), p.11-22. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4538

Abstract

शिक्षण कार्य की जटिलता शिक्षक के लगातार क्षमतावर्धन की माँग करती है, इसलिए शिक्षक के विकास हेतु सेवापूर्व और सेवाकालीन प्रशिक्षणों की परिकल्पना की गई है। एक पेशेवर के तौर पर शिक्षक की तैयारी अनुभव और प्रशिक्षण से आगे जाकर अपने अनुभवों, विचारों और कार्यों पर लगातार चिंतन, उनकी समीक्षा तथा चुनौतियों, असफलताओं और सफल कदमों से सीखने के सतत प्रयासों की माँग करती है। अर्थात् पेशेवर के तौर पर स्थापित होने के लिए चिंतनशीलता (reflection) एक अनिवार्य शर्त के तौर पर उभरती है।