प्रकाशित 2025-10-24
संकेत शब्द
- शिक्षा की असलियत,
- नैसर्गिक अवधारणाओं
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सार
शिक्षा के संदर्भ में चॉक एंड डस्टर का उल्लेख हो तो केवल स्कूल या कॉलेज के चौक एंड डस्टर की तस्वीर ही आँखों के सामने झट से घूम जाती है। 'झट से' बहुत महत्वपूर्ण संकेत है जो यह बताता है कि हमारी स्वयं की अवधारणाएँ कितनी 'बंधी हई' और 'कितनी संकीर्ण' हैं। यह स्वीकारोक्ति सहज नहीं है, लेकिन सत्य तो है ही। इसी चौक एंड डस्टर के इर्द-गिर्द शिक्षा की समस्त अवधारणाएँ स्वतः ही खुलती' हैं जब एक-एक करके, परत-दर-परत शिक्षा के अर्थ उद्घाटित होते चलते हैं। इस अर्थ में यह संज्ञान होना आवश्यक है कि शिक्षा, शिक्षण-प्रशिक्षण, सीखना, स्कूल, कक्षाएँ... और सिनेमा भी इस शिक्षा की असलियत को उद्घाटित करता है। भारत जैसे विविधता भरे देश में ऐसे बच्चे भी हैं, जिनके जीवन में स्कूल-कक्षा वाले चॉक एंड डस्टर के अतिरिक्त कुछ भी नहीं और एक तरह का डिजिटल विभेद उन्हें परेशान करता है। और हमें भी। मोबाइल या कंप्यूटर पर जो चॉक एंड डस्टर का 'खेल' खेला जाता है, आदिवासी बच्चे उससे भी वंचित रह जाते हैं। क्या करें? है कोई समाधान? प्रस्तुत लेख चॉक एंड डस्टर के बहाने शिक्षा की इन्हीं इर्द-गिर्द वाली नैसर्गिक अवधारणाओं को आलोचनात्मक रूप से समझने, गुनने और क्रियान्वित करने का प्रयास किया गया है।