Vol. 31 No. 03 (2011): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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आकलन की परम्परिक प्रिकरिया आसफ़ल कोन : विद्यार्थी या व्यवस्था?

Published 2025-12-04

Keywords

  • आधुनिक शिक्षा प्रणाली,
  • आकलन

How to Cite

एनसीईआरटी. (2025). आकलन की परम्परिक प्रिकरिया आसफ़ल कोन : विद्यार्थी या व्यवस्था?. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 31(03), p. 62-667. https://doi.org/10.64742/s39nmh60

Abstract

आधुनिक शिक्षा प्रणाली में आकलन की पारंपरिक प्रक्रिया विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल का मूल्यांकन करने का एक मुख्य तरीका रही है। इस प्रक्रिया में मुख्यत: लिखित परीक्षाओं, अनुवाद, और शब्दात्मक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से विद्यार्थियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है। हालांकि, कई शैक्षिक विशेषज्ञ यह मानते हैं कि पारंपरिक आकलन प्रणाली असफल हो सकती है, खासकर जब यह विद्यार्थियों की संपूर्ण क्षमताओं और उनके व्यक्तित्व के विकास का सटीक आकलन नहीं करती है।