Vol. 7 No. 2 (2019): Voices of Teachers and Teacher Educators
Articles

पुस्तक समीक्षा डेविएस इन क्लासरूम डी.एच. हरग्रेअवेस, एस. के . हेस्टर एड एफ.जे. मेल्लोर रूटलेज एंड केगन पॉल लिमिटेड, लन्दन

Published 2019-02-28

Keywords

  • हेरोल्ड गर्फिन्केलव,
  • सामाजिक विज्ञान

How to Cite

Payal Yadav. (2019). पुस्तक समीक्षा डेविएस इन क्लासरूम डी.एच. हरग्रेअवेस, एस. के . हेस्टर एड एफ.जे. मेल्लोर रूटलेज एंड केगन पॉल लिमिटेड, लन्दन. Voices of Teachers and Teacher Educators, 7(2), p. 144-146. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/vtte/article/view/848

Abstract

थ्योरी व शिक्षण के दोहरे उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए 1975 में प्रकाशित यह पुस्तक, एक शोध प्रोजेक्ट के आधार पर लिखी गई है। यह पुस्तक पहला ऐसा प्रयास है जिसमे लेबलिंग थ्योरी को कक्षायी विसामान्यताओं के आलोक में समझने का प्रयास किया गया है। लेबलिंग थ्योरी मानती है कि किसी व्यक्ति की क्रिया को ‘विसामान्य’ होने का लेबल देना, उस व्यक्ति विशषे को विसामान्य व्यवहार में संलग्न होने के लिए प्रेरित करता है। कक्षायी विसमान्यताओं को समझाने के साथसाथ यह पुस्तक, यह भी विवेचना करती है कि अपनी स्वयं की शोध प्रक्रिया पर दृष्टि डालना और क्षेत्र से थ्योरी का निर्माण करना कितना प्रासंगिक है। पुस्तक का प्रस्थान बिंदु लेबलिंग थ्योरी है जो कक्षा में विद्यार्थियों के व्यवहार एवं अस्मिता को, उनके लिए प्रयक्तु लेबल्स के सापेक्ष देखती है। शिक्षकों द्वारा कक्षायी संदर्भो को सामान्य मान लेने की प्रवर्ती को चुनौती देते हुए यह पुस्तक व्यष्टिगत स्तर पर कक्षायी प्रक्रियाओं  का विश्लेषण करने का प्रयास करती है।