प्रकाशित 2025-07-30
संकेत शब्द
- शिक्षा,
- व्यक्तित्व निर्माण,
- प्राथमिक स्तर
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गुप्ता प., & अग्रवाल र. (2025). शिक्षा में समाजोपयोगी उत्पादक कार्य. प्राथमिक शिक्षक , 42(1), p.65-71. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4514
सार
शिक्षा व्यक्तित्व निर्माण की आधारशिला है, शिक्षा का प्रत्येक स्तर अपने आप में महत्वपूर्ण है, परंतु प्राथमिक शिक्षा अपना विशिष्ट स्थान रखती है। मनोवैज्ञानिक फ्रायड भी कहते हैं, “शिशु चार वर्षों में वह सब बन जाता है जो उसे भविष्य में बनना होता है।” अतः विद्यार्थी के जीवन के प्रारंभिक वर्ष उसके संपूर्ण जीवन के निर्धारक होते हैं। इस दौरान वह जो कुछ भी देखता है, सीखता है, वह अनुकूल वातावरण के प्रभाव से स्थायी होता जाता है। अतः यह परिवार, विद्यालय एवं समाज का दायित्व है कि प्राथमिक स्तर पर बच्चों को ऐसे अवसर उपलब्ध कराए जाएं, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो तथा भविष्य स्थिर एवं सुदृढ़ हो।