खंड 39 No. 2-3 (2015): प्राथमिक शिक्षक
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पूर्व-प्राथमिक स्तर पर अभिभावकों की सहभागिता एवं उनसे संपर्क

रीतू चंद्रा
सहायक आचार्य, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली

प्रकाशित 2025-06-17

सार

बचपन बड़ा ही कोमल समय होता है और यदि ऐसे में बच्चों को अभिभावकों का साथ और मार्गदर्शन मिल जाए तो विकास की प्रक्रिया को और भी बल मिलता है। यह तभी संभव है जब अभिभावक बच्चों के जीवन और उनकी शिक्षा से जुड़े विषयों में रुचि लें और यथासंभव अपना योगदान दें। उनका यही योगदान और भागीदारी ही सहभागिता कहलाती है। सहभागिता जितनी मजबूत होगी, उतनी अधिक प्रभावी शिक्षा एवं उज्जवल भविष्य होगा बच्चों का। बच्चों के जीवन में अभिभावकों की सहभागिता के अंतर्गत बच्चों का खान-पान, समाजीकरण, व्यवहार, आचरण, बातचीत और कपड़े पहनने का तरीका आदि आते हैं। यदि शिक्षा में अभिभावकों के योगदान की बात हो तो इसका अर्थ है, घर और पूर्व-प्राथमिक केंद्र दोनों ही स्तर पर होने वाली शैक्षिक गतिविधियों में अभिभावकों की सक्रिय भूमिका का।