Vol. 45 No. 2 (2021): प्राथमिक शिक्षक
Articles

उड़ीसा में जनजातीय शिक्षा वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियाँ

अभय कुमार मिश्र
शिक्षक, डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल एम.सी. एल. आनंद विहार, बुर्ला, संबलपुर, उड़ीसा
मिनकेतन बेहेरा
एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ सोशल सांइस, जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली

Published 2025-10-24

How to Cite

मिश्र अ. क., & बेहेरा म. (2025). उड़ीसा में जनजातीय शिक्षा वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियाँ. प्राथमिक शिक्षक, 45(2), p.89-95. https://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4874

Abstract

उड़ीसा में कुल आबादी का एक चौथाई भाग (22.85 प्रतिशत) जनजातीय है (2011 जनगणना, पृ. सं. 8)। शिक्षा को किसी देश की सामाजिक एवं आर्थिक विकास का इंजन माना गया है। शिक्षा जहाँ एक तरफ व्यक्ति के विचारों, व्यवहारों, आशा-आकाक्षाओं एवं समझ में परिवर्तन लाकर उसके जीवन जीने की स्थिति में बदलाव लाती है, वहीं दूसरी तरफ उसकी आजीविका, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि व्यवहार में उन्नति करती है। उड़ीसा के जनजातीय लोगों की शिक्षा बहुत ही कम और दयनीय स्थिति में है, जो हमारे देश और उड़ीसा प्रदेश के शैक्षिक औसत से ही नहीं बल्कि भारत के अन्य जनजातीय वर्गों के शैक्षिक औसत से भी बहुत कम है। शोध लेख वर्तमान में उड़ीसा की जनजातीय शिक्षा की स्थिति एवं चुनौतियों का विश्लेषण करने के साथ-साथ उसके निदान हेतु सुझाव भी देता है।