Vol. 45 No. 2 (2021): प्राथमिक शिक्षक
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'बड़ी बाटा' तेलंगाना में पाठशाला की नई पुकार

सुरेश कुमार मिश्रा
राज्य संसाधक, शिक्षा विभाग, तेलंगाना सरकार, हैदरावाद

Published 2025-10-24

How to Cite

मिश्रा स. क. (2025). ’बड़ी बाटा’ तेलंगाना में पाठशाला की नई पुकार. प्राथमिक शिक्षक, 45(2), p.82-88. https://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4873

Abstract

आपने अनेक उत्सव देखे सुने होंगे। कई उत्सव के बारे में पढ़ा होगा लेकिन क्या आपको चित्र बनाने, कहानी, कविता और बाल खेल के उत्सव के बारे में जानकारी है? 'बड़ी बाटा' उत्सव तेलंगाना में मनाया जाता है। 'बड़ी' का अर्थ है- पाठशाला और 'बाटा' का अर्थ है रास्ता बानी कि पाठशाला की ओर जाने वाला रास्ता। इसमें बच्चे, शिक्षक, अभिभावक व समुदाय के लोग भाग लेते हैं। इसका उद्देश्य पाठशाला से वंचित बच्चों को पाठशाला की ओर आकर्षित करना होता है। इसके साथ ही पहले से पढ़ रहे बच्चे अपने अध्ययन में कितनी प्रगति कर रहे हैं, शिक्षा के संपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने के मामले में व्यवस्था का निष्पादन कैसा है, मूल्यांकन पर आधारित कक्षा के साथ व्यापक स्तर पर उपलब्धि सर्वेक्षण को जानने में भी यह उत्सव सहायक है। 'बड़ी बाटा' सरकार की नवोन्मेषणात्मक पहल है। इसके अंतर्गत प्रत्येक वर्ष 'बड़ी बाटा' उत्सव के माध्यम से बच्चों का ध्यान पाठशाला की ओर खींचा जाता है। इस उत्सव का प्राथमिक प्रायोजन, निर्धारित उत्सव लक्ष्यों की तुलना में बच्चों के प्रदर्शन को समझने के लिए विद्यालयों को अवसर प्रदान करना होता है। इन अवसरों के आधार पर विद्यालय के सीखने के स्तर में सुधार करने के लिए एक विद्यालय स्तर की योजना तैयार की जाती है। इस तरह के उत्सवों से शिक्षकों, अभिभावकों एवं विद्यार्थियों आदि को स्वयं को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाने में मदद मिलती है। यह उत्सव शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। यह उत्सव कैसे मनाया जाता है? इसमें कौन भाग लेते हैं? इसकी क्या-क्या विशेषताएँ हैं? आदि का वर्णन इस लेख में किया गया है।