Vol. 45 No. 1 (2021): प्राथमिक शिक्षक
Articles

चकई के चकदुम

सुरेश कुमार मिश्रा
राज्य संसाधक, शिक्षा विभाग, तेलंगाना, हैदराबाद

Published 2025-10-24

Keywords

  • बालगीत,
  • बच्चों के संवेदनशील विकास

How to Cite

मिश्रा स. क. (2025). चकई के चकदुम. प्राथमिक शिक्षक, 45(1), p.57-62. https://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4903

Abstract

बालगीत सुनना और गाना बच्चों के संवेदनशील विकास का बालप्रिय माध्यम माना जाता है। बालगीत सुनना-सुनाना बच्चों की रुचियों में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। यह बच्चों को पढ़ाई के बोझ से राहत दिलाती है। साथ ही उनकी कई अवधारणाओं को सरल तरीके से सुलझा भी देती है। आजकल के दौर में जहाँ टीवी व कार्टून बच्चों को अकेला कर देते हैं वहीं बालगीत बच्चों को आपस में तथा बड़ों के करीब लाकर आत्मीयता, शब्द भंडार में वृद्धि तथा सामाजिकता में वृद्धि करते हैं। निरंतर बालगीत सुनना और गाना बच्चों को साहित्य से जोड़कर रखता है।