Vol. 46 No. 1 (2022): प्राथमिक शिक्षक
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आधुनिक समाज में पुस्तकालय का महत्व

मूर्त्तिमती सामन्तराय
उप-पुस्तकालयाध्यक्ष, पुस्तकालय प्रलेखन प्रभाग, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, नयी दिल्ली

Published 2025-10-24

Keywords

  • पुस्तकालयों,
  • विद्यालय

How to Cite

सामन्तराय म. (2025). आधुनिक समाज में पुस्तकालय का महत्व. प्राथमिक शिक्षक, 46(1), p.14-20. https://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4893

Abstract

पुस्तकालय बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। पुस्तकालयों की मनुष्य की सामाजिकता में भी बहुत बड़ी भूमिका है। पुस्तकालय किसी भी जागरूक समाज की विशिष्ट पहचान है। प्रस्तुत लेख में भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण से पुस्तकालय की भूमिका को दर्शाया गया है जैसे कि मनुष्य की सामूहिकता, ज्ञान का संग्रह, पठन की आदत का विकास, शोध कार्यों के लिए प्रेरणा और स्वास्थ्य मनोरंजन का खजाना आदि। इन सब उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किसी भी पुस्तकालय को किस प्रकार से कार्य करना चाहिए और उसमे किस प्रकार के नवीनतम साधन होने चाहिए, इस बात की चर्चा इस लेख में की गयी है। शिक्षा हमारी प्रगति का आधार है, अतः हर विद्यालय में पुस्तकालय स्थापित करने का समय आ गया है।