प्राथमिक स्तर के बच्चों की भाषायी अभिव्यक्ति में डिजिटल डिवाइस आधारित अनुदेशन की प्रभावशीलता का अध्ययन
Published 2025-10-24
Keywords
- डिजिटल डिवाइस
How to Cite
Abstract
निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा बाल अधिकार अधिनियम 2009 देश में वर्ष 2010 में लागू हुआ। इसके बाद से ही बच्चों के शिक्षण के लिए नवोन्मेषी शिक्षण पद्धतियों के प्रयोग की होड़-सी लग गई है। ड्रिल एवं अभ्यास प्रविधि प्राथमिक स्तर के शिक्षण का सदैव से ही आकर्षण रही है। हाँ, आज के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी युग में डिजिटल डिवाइस आधारित अनुदेशन प्रविधियों के प्रयोग का चलन भी बन गया है, जो अधिक प्रभावी भी सिद्ध हो रहीं हैं। शोध पत्र के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया गया है कि डिजिटल डिवाइस आधारित अनुदेशन जिसमें विशेष रूप से शैक्षिक खेल एवं अनुकरणों को शामिल किया जाता है, क्या बच्चों की भाषायी अभिव्यक्ति के लिए प्रभावकारी है अथवा नहीं। यह तो हम सभी जानते हैं कि बढ़ते हुए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रभाव ने बच्चों की सीखने की क्षमता पर किस प्रकार का प्रभाव डाला है? परंतु इस शोध पत्र के माध्यम से उनकी भाषायी अभिव्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया गया है। अध्ययन में प्री-टेस्ट एवं पोस्ट-टेस्ट शोध प्रायोगिक प्रारूप का अनुसरण किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य के कुछ अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के बच्चों को रेडम न्यादर्श विधि से चयन करके चुना गया। चयनित स्कूलों से बच्चों को दो नियंत्रित समूह तथा प्रयोगात्मक समूह में विभाजित किया गया। प्रयोगात्मक समूह के बच्चों को डिजिटल डिवाइस आधारित अनुदेशन द्वारा शिक्षण प्रदान किया गया जबकि नियंत्रित समूह के बच्चों को ड्रिल एवं अभ्यास प्रविधि से ही अध्ययन कराने का प्रावधान किया गया। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या भाषा अधिगम की प्रक्रिया, सूचना एवं संचार प्रौद्यौगिकी के टूल्स एवं एप्लीकेशंस के द्वारा प्रभावित हुई है अथवा नहीं? और यदि प्रभावित हुई है हो तो वह सकारात्मक दिशा में अथवा नकारात्मक दिशा में? इन प्रश्नों के उत्तरों को जानने के उद्देश्य से ही इस शोध-पत्र को लिखने का प्रयास किया गया है। आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि यदि बच्चों को डिजिटल डिवाइस आधारित अनुदेशन के माध्यम से शिक्षण प्रदान किया जाता है तो वह भाषा अर्जन शिक्षण की परंपरागत विधि की अपेक्षा जल्दी कर लेते हैं, परंतु भाषा अभिव्यक्ति की दृष्टि से वह बच्च्चे अभ्यास विधि या पेपर पेंसिल विधि से ही अधिक तीव्रता से अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत कर पाते है। इस प्रकार इस अध्ययन के लिए शोधार्थी ने कुछ शैक्षिक खेलों एवं वीडियो अनुकरणों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया। इससे बच्चों के भाषा अर्जन में वृद्धि प्रतीत हुई परंतु भाषा अभिव्यक्ति की दृष्टि से यह विधि एक सामान्य विधि ही सिद्ध हो पाई।