Published 2025-10-24
Keywords
- पाठ्यपुस्तक की भाषा,
- संवेदना और परिवेश,
- हिंदी भाषा की पाठ्यपुस्तकों का समीक्षात्मक अध्ययन
How to Cite
Abstract
पाठ्यपुस्तक की भाषा को विद्यार्थी की संवेदना और परिवेश की भाषा होना चाहिए। भाषा पाठ्यपुस्तक को देखकर विद्यार्थी को लगे कि वह उसकी संवदेना के निकट है। पाठ्यपुस्तकों में चित्रित समाज और परिवेश विद्यार्थी के समाज और परिवेश के निकट दिखाई पड़े। भाषा अध्ययन में जितनी भूमिका पुस्तकों की है उतनी ही उसके शिक्षण-प्रशिक्षण की भी है। प्रस्तुत शोध पत्र में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 को दृष्टि में रखते हुए हिंदी भाषा की पाठ्यपुस्तकों का समीक्षात्मक अध्ययन किया गया है। शोध अध्ययन में केंद्रीय विद्यालयों तथा राजकीय विद्यालयों (उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश) के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की अवधारणा, शैक्षिक प्रक्रिया तथा उनकी आवश्यकताओं के बारे में प्रश्नावली साक्षात्कार लक्ष्य समूह चर्चा और पाठ्यपुस्तक विश्लेषण के माध्यम से शोध किया गया। शोधपत्र में हिंदी भाषा अध्ययन अध्यापन के प्रति विद्यार्थियों की उदासीनता के कारणों को समझने और उसके निवारण को जानने का प्रयास किया गया है। वर्तमान शैक्षिक और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप हिंदी भाषा शिक्षण-प्रशिक्षण को किस प्रकार आधुनिक और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, इस पर भी लेख में विचार किया गया है।