Published 2025-10-24
Keywords
- भाषा, साक्षरता और प्रारंभिक गणित के
How to Cite
Abstract
खेल आधारित शिक्षण विधि, जिसमें खिलौनों का प्रयोग होता है, बुनियादी अवस्था में सबसे उपयुक्त और पंसदीदा शिक्षण विधि है। अधिकांश शोध प्रारंभिक स्तर पर सीखने में खेल की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करते है। शोधकर्ता इस बात पर सहमत हैं कि भाषा, साक्षरता और प्रारंभिक गणना बच्चे के जीवन के प्रथम छह वर्षों में विकसित होती है। विकासात्मक उपयुक्त खिलौनों और खेल सामग्री के साथ उच्च गुणवत्तापूर्ण खेल खेलना बच्चों की भाषा, साक्षरता और गणना कौशलों को पूर्णरूप से विकसित करने में सहायक होते हैं। सभी प्रकार के खेल अनुभवों से बच्चे का मस्तिष्क विकसित होता है। सभी अवस्थाओं में बच्चों को खिलौने से खेलने में खुशी मिलती है और उन्हें बड़ा मजा आता है, बस बच्चों की आयु, विकास और योग्यता के अनुसार खिलौनों का जटिलता स्तर बढ़ता जाता है। पारंपरिक खेल और खिलौने, आजकल दुकानों पर बिकने वाले फैसी, महेंगे और इलैक्ट्रॉनिक खिलौनों की अपेक्षा सरल और स्वयं शिक्षक द्वारा आसानी से विकसित किए जाने वाले होते हैं और वे परिवेश से ही प्रेरित होते हैं। इस बात में कोई शक नहीं कि पारंपरिक निर्मित खिलौने बच्चों के समग्र विकास, विशेष रूप से उनकी भाषा, साक्षरता और प्रारंभिक गणित के विकास के लिए बेहतरीन होते हैं। यदि शिक्षक और अभिभावक इन खिलौनों और खेल सामग्रियों में मौजूद अवसरों से परिचित होते हैं, तो इनका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। प्रस्तुत लेख खेल-खिलौने के महत्व एवं उनकी अध्ययन-अध्यापन पर आधारित हैं।