Vol. 45 No. 4 (2021): प्राथमिक शिक्षक
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बिहार में अभिवंचित समुदाय के बच्चों को शिक्षाधिकार दिलाने में विद्यालय शिक्षा समिति की भूमिका

अल्पना   शालिनी
अतिथि व्यावाता मनोविज्ञान विभाग, एम. आर. एम. कॉलेज, दरभंगा, एल.एन. मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
विनय कुमार दास
सहायक प्राध्यापक, जे. एम.डी.पी. एल. महिला कॉलेज, मधुबनी, एल.एन. मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा

Published 2025-10-24

Keywords

  • निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम,
  • विद्यालय शिक्षा समिति,
  • विद्यालय शिक्षा

How to Cite

शालिनीअ.. , & दास व. क. (2025). बिहार में अभिवंचित समुदाय के बच्चों को शिक्षाधिकार दिलाने में विद्यालय शिक्षा समिति की भूमिका. प्राथमिक शिक्षक, 45(4), p.59-66. https://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4818

Abstract

निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत विद्यालय शिक्षा समिति वस्तुतः विद्यालय के सुव्यवस्थित प्रबंधन हेतु गठित की गई है। इसका उद्देश्य है कि समावेशी और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक स्तर तक की शिक्षा सभी बच्चों विशेषकर अभिवंचित समुदाय को प्राप्त हो सके। विद्यालय शिक्षा समिति का जो प्रारूप शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में निर्धारित है कि लोक भागीदारी की भावना के अनुरूप समाज के सभी जाति वर्ग के लोगों, चाहे वह देश में कहीं भी निवास करते हों, उनके 6-14 आयु वर्ग के बच्चे विद्यालय में नामांकित हो सकें, नियमित रूप से निर्धारित समयानुकूल शिक्षा ग्रहण कर सकें और प्रारंभिक स्तर की निर्धारित दक्षता को प्राप्त कर सकें। परंतु विद्यालय शिक्षा समिति की लचर कार्य प्रणाली के कारण यह प्रभावकारी ढंग से कार्य नहीं कर पा रही है जिससे अभिवचित वर्ग के बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। अतः आवश्यकता इस बात की है कि विद्यालय शिक्षा समिति को सक्षम और सक्रिय बनाने का शीघ्र सुनियोजित प्रवास हो जिससे अभिवंचित समुदाय के बच्चों के शैक्षणिक विकास के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को रेखांकित कर उसे दूर किया जा सके। प्रस्तुत आलेख में विद्यालय शिक्षा समिति की सक्रिय भागीदारी से अभिवंचित समुदाय के बच्चों को शिक्षाधिकार दिलाने पर विस्तृत चर्चा की गई है।