Published 2025-09-02
Keywords
- कोठारी कमीशन,
- राष्ट्र का निर्माण
How to Cite
Abstract
बच्चे किसी भी परिवार, समाज एवं राष्ट्र की एक अनमोल धरोहर हैं क्योंकि बच्चे ही समाज या राष्ट्र का भविष्य होते हैं। कोठारी कमीशन (1964-66) ने इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि किसी भी राष्ट्र का निर्माण उसके यहाँ संचालित हो रहे, कक्षा कक्ष से होता है। परिणामस्वरूप एक समृद्धशाली राष्ट्र के निर्माण के लिए बच्चे का उचित दिशा में विकास करना परिवार, विद्यालय, समाज एवं राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व है। इस प्रकार ये सभी हितधारक बच्चे के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। अगर इनमें से कोई भी हितधारक अपने उत्तरदायित्व का उचित प्रकार से निर्वहन में असफल या अक्षम हो जाता है, तो कहीं न कहीं बच्चे के विकास में रुकावटें आती है। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि देश या राष्ट्र का विकास भी बाधित होता है। अतः इन सभी हितधारकों से अपेक्षा की जाती है कि वे बच्चे के सर्वांगीण विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएँ जिसका प्रारंभ प्राथमिक स्तर से ही होता है। इस लेख में बच्चे एवं राष्ट्र के विकास में अभिभावक, शिक्षक एवं विद्यालय किस प्रकार अपनी सक्रिय और सहभागिता प्रदर्शित सकते हैं पर सविस्तार चर्चा की जाएगी।