Published 2025-09-02
Keywords
- बच्चों के सहज विकास,
- शैक्षिक क्षमता,
- बाल-पत्रिकाओं की बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका
How to Cite
Abstract
पिछले एक दशक में जिस तरह डिजिटल संसार हावी हुआ है, उसके दूरगामी प्रभाव समाज में लक्षित हो रहे हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव बच्चों के सहज विकास एवं उनकी शैक्षिक क्षमता के विकास पर पड़ा है। आज बच्चे नियमित शिक्षा के अतिरिक्त पाठन और चिंतन से विमुख हो रहे हैं और इस कारण उनकी सृजनात्मकता की परिधि सिमटी है और उनमें नकारात्मक वृत्तियाँ लक्षित हो रही हैं। इसी क्रम में हिंदी बाल-पत्रिकाओं एवं हिंदी समाचार-पत्रों की उल्लेखनीय भूमिका पर विचार करना आवश्यक हो जाता है। बाल-पत्रिकाओं ने बच्चों की सर्जनात्मक प्रतिभा को विकसित करने के साथ, उनके ज्ञान और संवेदना के विकास में भी लंबे समय से प्रमुख भूमिका निभाई है। पत्रिकाओं का बच्चों के शैक्षिक विकास से जीवंत संबंध है। इन्हीं बिंदुओं को समाहित करते हुए बाल-पत्रिकाओं की बच्चों की शिक्षा में क्या महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, इस पर इस लेख में विचार किया गया है।