Published 2025-09-02
Keywords
- बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण,
- बाल साहित्य,
- विकासोन्मुख प्रवृतियों
How to Cite
Abstract
बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण और उसके समुचित विकास तथा स्वस्थ एवं समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में उत्कृष्ट-कोटि के बाल साहित्य का बड़ा योगदान होता है। बाल साहित्य बच्चों की विकासोन्मुख प्रवृतियों को सही दिशा देने वाला हो। इसके साथ ही वह उनकी जिज्ञासा को तृप्त करने वाला, कल्पनाशक्ति में वृद्धि करने वाला, मनोविकास करने वाला, अहंभाव का स्वस्थ एवं संतुलित विकास करने वाला, सप्रवृतियों के निर्माण में सहायक, देश की सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराने वाला, नवीन ज्ञान-विज्ञान की अद्यतन जानकारी देने वाला आदि होना चाहिए। यह बाल साहित्य बच्चों में आत्मविश्वास उत्पन्न करने वाला, तर्क-सम्मत दृष्टिकोण का विकास करने वाला, उत्साह का संचार करने वाला, राष्ट्रीयता के बीज अंकुरित करने वाला, सृजन शक्ति में विकास करने की क्षमता रखने रखने वाला हो। वर्तमान में देश की नयी पौध के लिए ऐसे ही श्रेष्ठ बाल साहित्य के सूजन करने की बड़ी आवश्यकता है।