खंड 42 No. 1 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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तनावपूर्ण परिवेश में बच्चों के प्रति अभिभावकों के कुछ दायित्व

राजेंद्र श्रीमाली
प्राचार्य, श्री जैन आदर्श कन्या शिक्षक-प्रशिक्षण महाविद्यालय, रायसर रोड, नोखा (बीकानेर)
प्रियंका श्रीमाली
व्याख्याता, श्री जैन आदर्श कन्या शिक्षक-प्रशिक्षण महाविद्यालय, रायसर रोड, नोखा (बीकानेर)

प्रकाशित 2025-07-30

संकेत शब्द

  • तनावपूर्ण परिवेश,
  • अभिभावक

सार

स्वभाव से ही बच्चों का मन बहुत चंचल होता है। हर बच्चा बड़ा होकर अपने माता-पिता के जैसा बनना चाहता है। अतः यह ज़रूरी हो जाता है कि हम बच्चों के समक्ष एक आदर्श छवि का निर्माण करें। उनकी गलतियों पर उन्हें डाँटने के स्थान पर उनके साथ संवाद की परिस्थितियों को तलाशें और उनसे बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझें। बच्चों को बढ़ती उम्र की जानकारी दें तथा बढ़ती उम्र के साथ आने वाले विभिन्न परिवर्तनों के विषय में बताएं। उन पर विश्वास करें। समय-समय पर उनसे बात करने से संबंध सामान्य रहेंगे। इस प्रकार दोनों पीढ़ियों के लिए एक-दूसरे को समझना आसान हो जाएगा। बच्चे बहुत जल्दी तनावग्रस्त हो जाते हैं, अतः अभिभावक होने के नाते हमारे कुछ महत्वपूर्ण दायित्व हैं जिन्हें निभाने पर ही हम अपने बच्चों के लिए एक आदर्श रूप प्राप्त कर सकते हैं। प्रस्तुत लेख में इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा की गई है तथा अभिभावकों के कुछ महत्वपूर्ण दायित्वों को भी प्रस्तुत किया गया है।