प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर विकेंद्रीकृत प्रबंधन प्रणाली में ग्राम शिक्षा समिति के सदस्यों, अध्यापकों तथा शिक्षा अधिकारियों में सामंजस्य की स्थिति का अध्ययन
प्रकाशित 2025-05-07
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सार
शिक्षा मानव विकास की आधारशिला है। यह निर्विवाद है कि शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। आज हमने इक्कीसवीं सदी में प्रवेश करते हुए विकास की कई ऊँचाइयों को पार किया है। इस विकास का मूल आधार शिक्षा ही है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह जन्म से ही अनौपचारिक रूप से परिवार और समाज से शिक्षा ग्रहण करने लगता है। औपचारिक शिक्षा की शुरुआत वह प्राथमिक स्कूलों से करता है। प्राथमिक शिक्षा औपचारिक शिक्षा रूपी इमारत की नींव है। इसीलिए कई देशों में प्राथमिक शिक्षा के लिए संविधान में कानूनी उपबंध किए गए हैं। भारत के संविधान निर्माताओं ने भी प्राथमिक शिक्षा को आवश्यक मानते हुए संविधान में राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों में मौलिक अधिकार के रूप में शिक्षा का उल्लेख किया है।