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प्रकाशित 2025-05-07
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यदुलाल क. (2025). नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम–2009 गुणात्मक विश्लेषण. प्राथमिक शिक्षक , 40(1), प. 71-78. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4250
सार
प्राथमिक स्तर पर सभी बालक/बालिकाओं हेतु नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के महत्व को शिक्षाविदों द्वारा स्वीकार किया गया है। यह तथ्य अनुभव से भी सिद्ध हुआ है, क्योंकि शिक्षा से व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरता है और सभ्यता का विकास होता है। बच्चे शिक्षा द्वारा अपनी संस्कृति से काफी हद तक रूबरू हो पाते हैं। विज्ञान प्रगतिवान होता है और लौकिक ज्ञान चौमुखी होकर मानव जाति का मार्ग उत्तरोत्तर उत्थान हेतु प्रशस्त करता है। इस संदर्भ में भयावह सत्य भी हमारे समक्ष उपस्थित होता है कि जिन देशों में उपलब्ध अवसरों एवं संसाधनों के असमान वितरण अथवा अनभिज्ञता के कारण बालक शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते, ऐसे देश अन्य देशों की अपेक्षा पिछड़ेपन का शिकार होते हैं।