खंड 37 No. 3 (2013): प्राथमिक शिक्षक
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सतत एवं समग्र मूल्यांकन 

प्रकाशित 2025-03-26

संकेत शब्द

  • मूल्यांकन,
  • सतत एवं समग्र मूल्यांकन

सार

विगत कुछ वर्षों से परीक्षा- सुधार कार्यक्रम के रूप में सतत एवं समग्र मूल्यांकन का विचार शैक्षिक जगत में चर्चा का विषय रहा है। सतत एवं समग्र मूल्यांकन का प्रत्यय वस्तुतः परीक्षा सुधार के दो सिद्धांतों पर आधारित है - प्रथम, जो व्यक्ति अध्यापन कार्य करें, वही व्यक्ति मूल्यांकन भी करें तथा द्वितीय, मूल्यांकन कार्य संत्रत में न होकर संपूर्ण सत्र के दौरान लगातार होता रहे। उक्त आलेख के माध्यम से सतत एवं समग्र मूल्यांकन को कक्षागत परिस्थितियों में कैसे अच्छे ढंग से लागू किया जा सकता है एवं इसके लागू करने में आने वाली कठिनाइयों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।