Vol. 42 No. 2 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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पूर्व-प्राथमिक शिक्षा में शिक्षण-अधिगम विधियाँ

रीना रानी
शिक्षिका, आई.आई.टी. नर्सरी स्कूल, हौज़ खास, नई दिल्ली

Published 2025-07-30

Keywords

  • मनोविज्ञान,
  • शिक्षण अधिगम

How to Cite

रानी र. (2025). पूर्व-प्राथमिक शिक्षा में शिक्षण-अधिगम विधियाँ. प्राथमिक शिक्षक, 42(2),  p.85-90. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4547

Abstract

शिक्षण एक जटिल सामाजिक प्रक्रिया के साथ-साथ निरंतर चलने वाली उद्देश्यपूर्ण विकास प्रक्रिया भी है।

शिक्षण के लिए औपचारिक वातावरण चाहिए, लेकिन यह अनौपचारिक वातावरण में भी संभव है। मनोविज्ञान ने विभिन्न शिक्षण-विधियों की व्याख्या की है। इन शिक्षण विधियों से शिक्षिका को परिचित होना आवश्यक होता है। विभिन्न उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए भिन्न-भिन्न शिक्षण अधिगम विधियों का प्रयोग करना पड़ता है। शिक्षा के उद्देश्य निर्धारित करने व पाठ्यक्रम बनाने के बाद शिक्षा के उद्देश्यों को सार्थक, उद्देश्यपूर्ण रोचक व उपयोगी बनाने के लिए शिक्षिका को किसी न किसी शिक्षण विधि का प्रयोग अवश्य करना पड़ता है। शिक्षिका को शिक्षण विधि का चयन करते समय विषयवस्तु, बालकों/विद्यार्थियों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं एवं संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए। ऐसा न करने से शिक्षण कार्य सुचारू रूप से नहीं चल सकता। शिक्षण को महत्वपूर्ण और प्रभावी बनाने में शिक्षण अधिगम विधियों का प्रयोग किया जाता है। प्रस्तुत लेख में पूर्व प्राथमिक शिक्षा में शिक्षण अधिगम विधियों के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की गयी है।