Vol. 42 No. 2 (2018): प्राथमिक शिक्षक
Articles

पाठ्यक्रम में भाषा भारतीय संदर्भ

अमरीन अली
शोधार्थी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली

Published 2025-07-30

Keywords

  • भारतीय संदर्भ,
  • पाठ्यक्रम,
  • सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं

How to Cite

अली अ. (2025). पाठ्यक्रम में भाषा भारतीय संदर्भ. प्राथमिक शिक्षक, 42(2), p.39-44. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4541

Abstract

किसी भी देश की भाषा वहाँ की संस्कृति की वाहिका होती है। भाषा का अध्ययन, एक तरह से संस्कृति का अध्ययन भी होता है। इसी प्रकार, भारतीय संदर्भ में भी भाषा शिक्षण एक विशेष महत्त्व रखता है। प्रथम भाषा के रूप में हो द्वितीय भाषा के रूप में या तृतीय भाषा के रूप में—भारत में अधिकांश छात्र हिंदी भाषा के अध्ययन से गुजरते हैं। अतः देश की उभरती युवा पीढ़ी में सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टि उत्पन्न करने में हिंदी पाठ्यक्रमों तथा पाठ्यपुस्तकों का दायित्व काफ़ी बढ़ जाता है। भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रति इन शिक्षार्थियों की दृष्टि किस प्रकार विकसित होती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हिंदी पाठ्यपुस्तकों में तथा हिंदी अध्ययन-अध्यापन में उनकी इन सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रति किस प्रकार की  धारणा विकसित की जाती रही है।

प्रस्तुत शोध पत्र में आलोचनात्मक पद्धति का प्रयोग कर यह देखने की चेष्‍टा की गयी है कि हिंदी पाठ्यक्रमों तथा पाठ्यपुस्तकों में भिन्न-भिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहलु, भारतीय शिक्षा प्रणाली आदि के प्रति किस प्रकार की दृष्टि अपनाई गई है।