Published 2025-07-30
Keywords
- प्रारंभिक बाल शिक्षा शालाएँ,
- बच्चों का सर्वांगीण विकास,
- औपचारिक शिक्षण विधियों
How to Cite
Abstract
प्रारंभिक बाल शिक्षा शालाएँ बच्चों को प्रेरणादायक खेल वातावरण प्रदान करती हैं। जिसमें बच्चों का बौद्धिक, भाषागत, सामाजिक, संवेगात्मक तथा शारीरिक विकास होता है। साथ ही पूर्व प्राथमिक शिक्षा बच्चों को औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करती है। पूर्वप्राथमिक शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है। प्रारंभिक बाल शिक्षा में स्वास्थ्य, पोषण तथा पूर्व प्राथमिक शिक्षा अथवा शैशवकालीन उद्दीपन के तत्व शामिल होते हैं। प्रारंभिक बाल शिक्षा निश्चित रूप से खेल विधि से दी जाने वाली शिक्षा है। यह खेल और क्रिया पर आधारित शिक्षा है क्योंकि खेल विधि में व्यक्तिगत आवश्यकताओं, रुचियों तथा क्षमताओं का ध्यान रखा जाता है। खेल विधि द्वारा बच्चों को सीखने में आनंद की अनुभूति होती है। इस स्तर पर औपचारिक शिक्षण विधियों के प्रयोग तथा पढ़ने-लिखने और गणित शिक्षण के विरूद्ध चेतावनी भी दी गयी है। प्रस्तुत लेख में प्रारंभिक बाल शिक्षा तथा देखभाल की संरचना कैसी हो इस पर बल दिया गया है।