Vol. 32 No. 04 (2012): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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जनतन्त्रीय शिक्षा में शिक्षकों की भूमिका

Published 2024-11-29

Keywords

  • लोकतंत्र और शिक्षा,
  • जनतांत्रिक शिक्षा।

How to Cite

राजेश कुमार श्रीवास्तब. (2024). जनतन्त्रीय शिक्षा में शिक्षकों की भूमिका. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 32(04), p. 16-26. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/bas/article/view/942

Abstract

यह लेख जनतंत्रीय शिक्षा में शिक्षकों की भूमिका पर केंद्रित है, जिसमें शिक्षा के लोकतांत्रिक सिद्धांत और उसकी महत्वता पर विचार किया गया है। लोकतंत्र में शिक्षा का उद्देश्य केवल शैक्षिक ज्ञान प्रदान करना नहीं होता, बल्कि यह समाज के प्रत्येक सदस्य को सशक्त बनाने, उनके अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराने, और उन्हें एक सक्रिय नागरिक बनाने का माध्यम होता है।

लेख में यह बताया गया है कि शिक्षकों का कर्तव्य केवल पाठ्यक्रम को पढ़ाने तक सीमित नहीं होता, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक मूल्यों जैसे स्वतंत्रता, समानता, भाईचारे और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। शिक्षक, अपने शिक्षण के माध्यम से, छात्रों में आलोचनात्मक सोच, निर्णय लेने की क्षमता, और समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिकता की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।