Vol. 36 No. 01 (2015): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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भावी शिक्षक एवं रिफ्लेक्शन-एक दृष्टिकोण एन.सी.टी.ई रेग्युलेशन 2014 के आलोक

Published 2024-12-23

Keywords

  • भावी शिक्षक,
  • शिक्षण सुधार

How to Cite

जितेन्द्र कुमार पाटीदार. (2024). भावी शिक्षक एवं रिफ्लेक्शन-एक दृष्टिकोण एन.सी.टी.ई रेग्युलेशन 2014 के आलोक . भारतीय आधुनिक शिक्षा, 36(01), p. 47-57. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/bas/article/view/2116

Abstract

भावी शिक्षक और रिफ्लेक्शन की अवधारणा एन.सी.टी.ई. रेग्युलेशन 2014 के तहत बहुत महत्वपूर्ण है। रिफ्लेक्टिव प्रैक्टिस एक ऐसी प्रक्रिया है, जो शिक्षकों को उनके शिक्षण कौशल को बेहतर बनाने, कमियों को पहचानने और नए सुधारों को अपनाने की प्रेरणा देती है। एन.सी.टी.ई. के रेग्युलेशन में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शिक्षक को अपने शिक्षण प्रदर्शन पर लगातार आत्ममूल्यांकन करना चाहिए और छात्रों के अधिगम के संदर्भ में रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यह प्रक्रिया शिक्षक को पेशेवर रूप से विकसित करने के लिए एक आवश्यक कौशल के रूप में कार्य करती है और समाज में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में योगदान करती है।