Vol. 35 No. 03 (2015): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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जेब पर बागेश्वर में पारंपरिक शिक्षा की दशा एवं दिशा (शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के आलोक में)

Published 2024-12-23

Keywords

  • पारंपरिक शिक्षा,
  • शिक्षा की गुणवत्ता

How to Cite

केवलनन्द काण्डपाल. (2024). जेब पर बागेश्वर में पारंपरिक शिक्षा की दशा एवं दिशा (शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के आलोक में). भारतीय आधुनिक शिक्षा, 35(03), p. 43-55. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/bas/article/view/2060

Abstract

बागेश्वर जिले में पारंपरिक शिक्षा प्रणाली और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का मिलाजुला प्रभाव एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। पारंपरिक शिक्षा प्रणाली, जो सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, को RTE अधिनियम के तहत सुधार की आवश्यकता है। स्थानीय भाषाओं, संस्कृति, और समुदाय आधारित शिक्षा को बचाते हुए, आधुनिक शिक्षा प्रणालियों का समावेश करना चाहिए। इस दिशा में सरकारी स्कूलों, स्थानीय समुदायों, और समाज के अन्य हिस्सों की सक्रिय भागीदारी से शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार हो सकता है। बागेश्वर में पारंपरिक शिक्षा को संरक्षित करते हुए, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती और अवसर है।