शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत संचालित विशेष प्रशिक्षण केंद्र में अध्ययनरत विद्यार्थियों पर कोविड-19 के कारण व्यवहार में आए परिवर्तन के कारणों का अध्ययन
प्रकाशित 2025-10-24
संकेत शब्द
- निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा
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सार
प्रारंभिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए देश में कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें से एक निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों में चलने वाले विशेष प्रशिक्षण केंद्र हैं। इन प्रशिक्षण केंद्रों में आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश लेने वाले 6-14 वर्ष तक के बच्चों को विद्यालय की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण 3 माह से 2 वर्ष या उससे अधिक का भी हो सकता है, जब तक की बच्चा अपनी आयु अनुरूप कक्षा की योग्यता हासिल नहीं कर लेता।
इस लघु शोधपत्र में विशेष प्रशिक्षण केंद्र में अध्ययनरत बच्चों का केस अध्ययन किया गया है। ये वे बच्चे हैं जो किसी कारणवश पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं अथवा कभी विद्यालय प्रवेशित या विद्यालय नहीं गए हुए होते हैं और कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से पुनः विद्यालय शिक्षा से दूर होने एवं उस महामारी का परिवार व स्वयं पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से प्रभावित हुए हैं। केस अध्ययन हेतु प्राथमिक विद्यालय के 25 विद्यार्थी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम प्राथमिक सह-शिक्षा विद्यालय, जंगपुरा विस्तार, नयी दिल्ली के विशेष प्रशिक्षक केंद्र के बच्चों का चयन किया गया।