खंड 45 No. 1 (2021): प्राथमिक शिक्षक
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सामान्य अध्ययन द्वारा प्राथमिक स्तर के बच्चों में संवाद, समझ और सामर्थ्य का विकास

आनंद कुमार मिश्र
शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय मलूकपुर विकास खंड, एरावां, उत्तर प्रदेश

प्रकाशित 2025-10-24

संकेत शब्द

  • जनरल स्टडी टीचिंग,
  • सामान्य अध्ययन शिक्षण

सार

अपनी माँ और अभिभावकों की गोद से निकलकर प्राथमिक स्कूल पहुंचे बच्चों में आत्मविश्वास, जिज्ञासा और उसके मनोभावों को संबल देकर उन्हें शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण कार्य होने के बावजूद शिक्षकों की प्राथमिकता में रहा है। चुनौतीपूर्ण इसलिए क्योंकि प्रायः तमाम विसंगतियों के कारण बच्चों में संकोच और भय देखा जाता है। ऐसे में उनके आत्मविश्वास और जिज्ञासा को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस होती है। बच्चो में भाषा, संवाद और संप्रेषण भी अपेक्षित स्तर पर नहीं दिखता है। ऐसे में इन कमियों को दूर करने के लिए एक ऐसे शिक्षण टूल की जरूरत होती है जो उपर्युक्त कमियों को दूर कर बच्चों की शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सके। विद्यालय में सामान्य अध्ययन शिक्षण (जनरल स्टडी टीचिंग) एक ऐसे ही टीचिंग टूल के रूप में इस्तेमाल होता है। यह बच्चों में आत्मविश्वास व जिज्ञासा उत्पन्न करते हुए भय व संकोच को दूर करता है। साथ ही भाषा के जुड़ाव के साथ बच्चों में संवाद और संप्रेषण की कला का विकास कर सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करता है। सामान्य अध्ययन के शिक्षण की मदद से बच्चों में संवाद, समझ और सामर्थ्य का विकास देखने को मिला। शोध को संक्षेप लेख के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यह लेख दर्शाता है कि बच्चों में म सामान्य अध्ययन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।