सरकारी विद्यालयों के कक्षा 8 में विद्यार्थियों की पुनरावृत्ति (रिपिटेशन) की प्रघटना का अध्ययन
प्रकाशित 2025-10-24
##submission.howToCite##
सार
शैक्षिक संदर्भ में नामांकन से तात्पर्य विद्यार्थियों के पठन-पाठन हेतु शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिला कराने से होता है और यह शैक्षिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है। वहीं ग्रेड (कक्षा) पुनरावृत्ति से तात्पर्य किसी ग्रेड में नामांकित विद्यार्थियों को उनके सहपाठियों के साथ उन्हें उच्च ग्रेड में पदोन्नति किए जाने के बजाय एक अतिरिक्त वर्ष के लिए उसी ग्रेड में ही रखे जाने से होता है। कुछ स्कूल प्रणालियों में ग्रेड पुनरावृत्ति/दुहराव की घटना को एक वैध सुधारात्मक कार्रवाई के रूप में देखा जाता है, वहीं कुछ स्कूल प्रणालियों में ग्रेड पुनरावृत्ति की अनुमति नहीं है। भारतीय प्रारंभिक शिक्षा के संदर्भ में आर.टी.ई. अधिनियम, 2009 कक्षा 8 तक किसी भी विद्यार्थी को फेल न करने अथवा स्कूल से निकाले जाने को पूर्णतः प्रतिबंधित करता है। प्रस्तुत आलेख बिहार के कैमूर जिले के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 8 में विद्यार्थियों की पुनरावृत्ति की प्रघटना पर आधारित है। यह लेख बयां करता है कि वे कौन-से विद्यार्थी हैं जो आठवीं कक्षा में पुनरावृत्ति कर रहे हैं? और इसके क्या कारण और संभावित प्रभाव हो सकते हैं? इस आलेख के ज़रिये यह समझ विकसित हो सकेगी कि समाज के वे कौन-से लोग हैं जिनके बच्चे इस प्रघटना में शामिल हैं तथा इस प्रघटना की कड़ी माध्यमिक शिक्षा स्तर पर निम्न नामांकन से कैसे जुड़ी हुई है? इस प्रकार से इस आलेख से प्राप्त अंतर्दृष्टि के आधार पर ऐसे मुद्दों से संबंधित शिक्षा नीति के मसौदे, उपयुक्त अधिनियम एवं योजनाएँ बनाई जा सकती हैं ताकि इस प्रकार की समस्याओं को दूर किया जा सके तथा माध्यमिक शिक्षा स्तर पर सभी सामाजिक वर्गों के विद्यार्थियों की तुल्य बराबर पहुँच हो सके।