खंड 45 No. 2 (2021): प्राथमिक शिक्षक
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खिलौने सीखने की नींव विकसित करने में मददगार

पद्मा यादव
प्रोफ़ेसर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, श्री अरबिंदो मार्ग, नयी दिल्ली

प्रकाशित 2025-10-24

संकेत शब्द

  • खिलौनों

सार

खेलना बच्चों का स्वभाव है। खिलौना ऐसी वस्तु है जिससे खेलकर बच्चे आनंद का अनुभव करते हैं। खिलौनों को अकसर बच्चों से संबंधित समझा जाता है लेकिन बड़े लोग यानि अभिभावक और शिक्षक भी इनका प्रयोग करते हैं। भारत में खिलौनों का प्रयोग अति प्राचीन है और सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेषों से भी यह प्राप्त हुए हैं। हर बच्च्चे को खिलौना प्रिय होता है। खिलौने बच्चे के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा होते हैं। बच्चों के पास जो कुछ भी हो, चाहे वह पत्थर हो, पत्ता या तिनका हो, वे उसे उठा कर खेलने लगते हैं। खेल उन्हें बहुत प्यारा लगता है। खेलने से उन्हें आनंद मिलता है और बच्चों के लिए खेलना ही सीखना है। इस लेख के माध्यम से यह समझने की कोशिश की गई है कि प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा में कौन-कौन से खिलौने प्रयुक्त होते हैं और खिलौनों पर आधारित शिक्षण कैसे होता है? सौखने की नींव विकसित करने में खिलौने कैसे मददगार हैं?