प्रकाशित 2025-10-24
संकेत शब्द
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020,
- स्कूलों में पाठ्यक्रम,
- शिक्षा-शास्त्र
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सार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का चौथा अध्याय 'स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षा-शास्त्र' की चर्चा करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अधिगम समात्र, एकीकृत, आनंददायी और रुचिकर (engaging) होना चाहिए) राष्ट्रीय शिक्षा नीति की इस अपेक्षा की पूर्ति हेतु 'शिक्षा' को 'जीवन' के और समीप लाया जाना चाहिए। बच्चे औपचारिक तौर पर स्कूल में तथा अनौपचारिक तौर पर जीवन के प्रत्यक्ष अनुभवों द्वारा सीखते हैं। बच्चों के संदर्भ में इन दोनों शिक्षा के माध्यमों में बड़ी दरियाँ नजर आती है। स्कूली शिक्षा विषयों में बांटी गई है, पर जीवन में विषयों के अनुसार विभिन्न खंड नहीं होते। प्राथमिक शिक्षा में कक्षा पाँचवीं तक विषय विशेष के ज्ञान की अपेक्षा नहीं होती। अतः इस प्राथमिक स्तर पर समन्वित (क्रॉस कॉरकुलर) शैक्षिक दृष्टिकोण स्वीकार किया जा सकता है। ऐसा करने से प्राथमिक शिक्षा को जीवन के समीप लाना अधिक सरल हो जाएगा। हर क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान के कारण मानवीय ज्ञान में हर पल वृद्धि हो रही है, मानो ज्ञान का विस्फोट सा हो गया हो। इस विस्फोट को शिक्षा व्यवस्था द्वारा आत्मसात करना एक चुनौती है। ज्ञान के विस्फोट की गति तो दिन-प्रतिदिन चढ़ती जाएगी। ऐसे हालात में कितने विषय स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ पाणी? क्या इस समस्या का कोई स्थायी हल हो सकता है? इन सवालों से जुड़े एक जवाब की चर्चा इस लेख में की गई है। इसी उद्देश्य के आधार पर इस लेख में वर्तमान के परिदृश्व में समन्वित शैक्षिक दृष्टिकोण की स्वीकृति की विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है।