खंड 45 No. 4 (2021): प्राथमिक शिक्षक
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पंखों से नारी शिक्षा उड़ान

अमित अग्रवाल
सहायक प्राध्यापक, राजकीय महाविद्यालय, रजा नगर, जिला रामपुर, उत्तर प्रदेश
अभिषेक कुमार सिंह
सहायक प्राध्यापक रामानुजन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय

प्रकाशित 2025-10-24

संकेत शब्द

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति,
  • के. कस्तूरीरंगन,
  • नारी शिक्षा

सार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण के लिए पूर्व इसरो (ISRO) प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा' तैयार किया। फिर 29 जुलाई, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत सरकार द्वारा घोषित की गई। एक सभ्य समाज का निर्माण उस देश के शिक्षित नागरिकों नारी और पुरुष द्वारा होता है। नारी इस कड़ी का अहम हिस्सा होती है, क्योंकि वह परिवार का केंद्र बिंद होती है। यदि एक नारी शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जी.ई.आर.) के साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा के सार्वभौमीकरण का लक्ष्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्कूली बच्चों में से 2 करोड़ को मुख्य धारा में वापस लाएगा। 12 साल की स्कूली शिक्षा और 3 साल की आंगनबाड़ी/प्री-स्कूलिंग के साथ एक नया 5 + 3 + 3 + 4 स्कूली पाठ्यक्रम शुरु किया गया है। यदि हम वर्तमान परिदृश्य की बात करें तो अब नारी, शिक्षा के क्षेत्र में आगे निकल चुकी है, नारी को यह संज्ञान है कि उनका शिक्षित होना ही उन्हें बेहतर जीवन दे सकता है। नारी शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बनने के प्रयास की ओर निरंतर अग्रसर है। सरकार की ओर से भी नारी शिक्षा को लेकर अनेकों योजनाएँ बनी हैं, जिसके माध्यम से वह लाभान्वित हो रही हैं।