प्रकाशित 2025-10-24
संकेत शब्द
- हिंदी सुलेखन,
- सुलेखन कौशल,
- शैक्षिक व्यक्तित्व
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सार
मानव सभ्यता में लिपियों एवं लेखन कला के विकास ने आगे बढ़कर ज्ञान को संरक्षित एवं संचित करने का दायित्व संभाला। जहाँ विचारों की अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम भाषा है वहीं इसके संरक्षण का एक महत्वपूर्ण माध्यम लिपि है। संस्कृतियों को भी संरक्षित रखने में लिपियों की प्रमुख भूमिका रही है। अपने प्रथम शिक्षक द्वारा पहली बार वृत्त बनाने का अभ्यास, सबके लिए अविस्मरणीय स्मृतियों में से एक है। अक्षर निर्माण के अभ्यास हेतु ही सर्वप्रथम एक उपकरण दिया जाता है जिसे पकड़ने का भी एक अभ्यास करवाया जाता है। इसके पश्चात् वह उपकरण एक साधन के रूप में आजीवन साथ जुड़ जाता है। लेखन कला पर लेखन उपकरणों का क्या प्रभाव पड़ता है? यह एक रोचक एवं जिज्ञासापूर्ण विषय है, जिसे प्रस्तुत अध्ययन में उजागर करने का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत अध्ययन एक लघु-शोध पर आधारित है, जिसमें हिंदी सुलेखन कार्य पर दो उपकरणों (बॉल-पेन एवं निब-पेन) के प्रभाव को देखने का प्रयास किया गया है। यह अध्ययन इस तर्काधार पर आधारित है कि प्राथमिक शिक्षा को शिक्षा की नींव माना जाता है साथ ही यह भी सर्वविदित है कि प्राथमिक शिक्षा के दौरान ज़्यादा ध्यान आकृष्ट इस बात पर होना चाहिए कि शिक्षा 'कैसे' दी जाए, बजाय इसके कि शिक्षा क्या' दी जाए। प्राथमिक शिक्षा, शिक्षा प्राप्त करने की तैयारी है। अतः प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही कौशल के अधिकाधिक विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता और अधिक बढ़ जाती है। अतः इस स्तर पर ही विद्यार्थियों में सुलेखन कौशल का समुचित विकास एवं प्रोत्साहन, उनके लिए न केवल आजीवन उपयोगी होगा वरन् उनके शैक्षिक व्यक्तित्व को भी अलंकृत करने का कार्य करेगा।