Vol. 45 No. 2 (2021): प्राथमिक शिक्षक
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पर्यावरण के विकास हेतु ज़रूरी है जैव विविधता की समझ

अमित कुमार वर्मा
असिस्टेंट प्रोफेसर, जैवविज्ञान विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नथी विल्ली

Published 2025-10-24

Keywords

  • जैव विविधता,
  • अंतर्राष्ट्रीय विविधता

How to Cite

वर्मा अ. क. (2025). पर्यावरण के विकास हेतु ज़रूरी है जैव विविधता की समझ. प्राथमिक शिक्षक, 45(2), p.59-66. https://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4870

Abstract

जीवन के अस्तित्व के लिए जैव विविधता एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसे अकसर पौधों, पशुओं और सूक्ष्मजीवों की विविधता के संदर्भ में समझा जाता है। हालाँकि, इसमें झील, जंगल, रेगिस्तान, कृषि परिदृश्य जैसे पारिस्थितिकी तंत्र भी शामिल हैं जो कि मनुष्यों, पौधों और पशुओं के बीच के तालमेल को दशति हैं। प्राकृतिक संसाधनों के लगातार दोहन से जैव विविधता को कई खतरे हैं। इन खतरों को कम करने या रोकने के लिए इसे संभालना और सँवारना महत्वपूर्ण है। यह लेख विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपने जीवन के प्रारंभिक चरण में छोटे बच्चों के मन में जैव विविधता की अवधारणा के निर्माण की प्रक्रिया की व्याख्या करता है। विद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, शिक्षकों को चाहिए कि वे कुछ संबंधित रणनीतियों और गतिविधियों के द्वारा बच्च्चों और उनके माता-पिता को पर्यावरण और आसपास के जीवन के साथ सद्भाव विकसित करने के महत्व और उसकी समझ बनाने हेतु प्रयास करें। गतिविधियों का निर्माण करते समय यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि गतिविधियाँ बच्चों की आयु, रुचि और विकासात्मक आवश्यकताओं के साथ-साथ अनुभवों को बढ़ावा देने वाली हो और हर्ष से सीखने पर जोर देने वाली हों। इस दिशा में विद्यालयों द्वारा प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय विविधता और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस जैसे अवसरों को प्राथमिकता से मनाया जाना चाहिए। बच्चों को बढ़ चढ़ कर ऐसे अवसरों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिससे बचपन से ही बच्चों में पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया जा सके।