Published 2025-10-24
Keywords
- मातृभाषा का विशेष महत्व,
- मातृभाषा की उपयोगिता,
- शिक्षा का आधार
How to Cite
Abstract
बच्चे की शिक्षा में मातृभाषा का विशेष महत्व है। मातृभाषा बच्चे की शिक्षा का आधार होती है। मातृभाषा को एक स्वतंत्र विषय के साथ-साथ शिक्षा के माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया जाना चाहिए। परंतु विगत कुछ वर्षों से भारतीय समाज में शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा के प्रति रुझान लगातार कम हो रहा है। बच्चे के सर्वांगीण विकास में मातृभाषा के महत्व को देखते हुए यह अत्यंत चिंता का विषय है। अतः प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा के प्रति घटते रुझान के कारणों का अध्ययन करना तथा मातृभाषा की उपयोगिता के विषय में अभिभावकों के विचारों का अध्ययन करना था। शोध हेतु गुणात्मक शोध विधि का अनुसरण करते हुए 60 अभिभावकों का साक्षात्कार किया गया। विश्लेषण करने पर मातृभाषा के प्रति घटते रुझान के कुछ कारण प्राप्त हुए, जैसे अभिभावकों में जागरूकता का अभाव, दिखावा, अंधानुकरण एवं प्रतिस्पर्धा की भावना आदि। अभिभावकों द्वारा अंग्रेजी माध्यम में अपने बच्चों को भेजकर समाज में स्वयं को प्रतिष्ठित साबित करने की चाह तथा जीवन स्तर से अंग्रेजी के जुड़ने के कारण से भी हिंदी की मान्यता घटी है। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में माध्यम के रूप में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इस संदर्भ में और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है। वस्तु स्थिति यह है कि माध्याम के रूप में अंग्रेजी भाषा का वर्चस्व है। इस कारण माध्यम के रूप में हिंदी भाषा की माँग पर असर पड़ा है। रोजगार के अवसरों की बात की जाए तो प्रथम शर्त अंग्रेजी होती है। अभिभावक मातृभाषा की उपयोगिता के विषय में गहन समझ नहीं रखते हैं। अतः सुझाव दिया जाता है कि शिक्षा में मातृभाषा के महत्व को लेकर वैश्विक स्तर पर हुए शोध कार्यों तथा विशेषज्ञों की राय को दृष्टिगत रखते हुए मातृभाषा के प्रोत्साहन की दिशा में विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाएँ) समाज के प्रभावशाली व्यक्ति, शिक्षाविद्, योजना निर्माता, नेता तथा शिक्षक दोहरे चरित्र को त्याग कर स्वयं भी अपने पाल्यों की शिक्षा हेतु मातृभाषा माध्यम में शिक्षा प्रवान करने वाले विद्यालयों का चयन करें।