खंड 42 No. 1 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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पाठ्यक्रम में भाषा भारतीय संदर्भ

 नंदनी
शोधार्थी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

प्रकाशित 2025-07-30

संकेत शब्द

  • भाषा-शिक्षण,
  • मातृभाषा

सार

प्राणी समूह आपस में विचारों एवं भावों के आदान-प्रदान के लिए जिन संकेतों तथा ध्वनि समूहों का प्रयोग करते हैं वही उस समूह की भाषा या अभिव्यक्ति का माध्यम है। उसी प्रकार से पाठ्यक्रम के भी संदर्भ में भाषा का महत्व है, यह अध्ययनकर्ता तथा अध्यापक के विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम बनती है। विगत कुछ वर्षों में देखा जा रहा है कि महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयी स्तरों पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत पाठ्यक्रम में भाषा के महत्व पर विशेष बल दिया जा रहा है। जिससे भावी शिक्षक इसके महत्व को समझ सकें। साथ ही इतिहास, गणित तथा विज्ञान जैसे विषय, विषय मात्र न होकर जिन भाषाओं अथवा जिन माध्यमों में शिक्षण कार्य किया जा रहा हो, उसमें विद्यार्थी की दक्षता विकसित करें। इसके अतिरिक्त पाठ्यक्रम के माध्यम से मातृभाषा के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाओं तथा अंतर्राष्ट्रीय भाषा का उचित ज्ञान देना। पाठ्यक्रम के विकास में भाषा शिक्षक तथा विद्यार्थी के लिए बाधक न होकर साधक का कार्य करे। भाषा-शिक्षण केवल पाठ्यपुस्तकों के दायरे तक सीमित न होकर विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से शिक्षार्थी तक पहुँचे।