प्रकाशित 2025-07-30
संकेत शब्द
- स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता,
- शिक्षक-प्रशिक्षण संबंधी नीतियों,
- भारतीय शैक्षिक परिदृश्य में एन.सी.ई.आर.टी.
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सार
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से 1 सितंबर सन् 1961 को भारत सरकार द्वारा दिल्ली में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की स्थापना की गई। भारत सरकार के अधीनस्थ शिक्षा मंत्रालय विद्यालयी शिक्षा एवं शिक्षक-प्रशिक्षण संबंधी नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू करने में यह संस्था विषय विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करती है तथा पाठ्यक्रम निर्धारण में बाल मनोविज्ञान तथा विशेष और आवश्यक तथ्यों का भी ध्यान रखती है। संस्था द्वारा प्रकाशित पुस्तकें हिंदी, उर्दू एवं अंग्रेजी में उपलब्ध होती हैं तथा देश के विभिन्न राज्यों में केंद्रीकृत पाठ्यक्रम योजना के तहत छात्रों को पढ़ाई जाती हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि भारतीय शैक्षिक परिदृश्य में एन.सी.ई.आर.टी. तथा इसके द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों का अत्यंत व्यापक और गहरा असर विद्यालयी शिक्षा-व्यवस्था पर पड़ता है। ये पुस्तकें पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विशाल छात्र समूह के संस्कार और निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से सहायक होती हैं। प्रथम या द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी पाठ्यपुस्तकों में जिन जीवन मूल्यों और वैचारिक आग्रहों की अनुशंसा की जाती है उसका व्यापक मनोवैज्ञानिक प्रभाव छात्र-छात्राओं के मस्तिष्क पर पड़ता है। प्रस्तुत शोध-पत्र में एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा प्रकाशित पहली कक्षा से लेकर पाँचवीं कक्षा तक की हिंदी पाठ्यपुस्तकों का समीक्षात्मक तथा आलोचनात्मक दृष्टि से अध्ययन किया गया है।