Vol. 42 No. 4 (2018): प्राथमिक शिक्षक
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कक्षा में पढ़ने की आदत

रजनी
असिस्टेंट प्रोफेसर, केंद्रीय शिक्षा संस्थान, शिक्षा विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

Published 2025-07-30

Keywords

  • प्राथमिक शालाओं,
  • सीखना-सिखाना,
  • राष्ट्रीय पाठ्यचर्या

How to Cite

रजनी. (2025). कक्षा में पढ़ने की आदत. प्राथमिक शिक्षक, 42(4), p.17-20. http://ejournals.ncert.gov.in/index.php/pp/article/view/4524

Abstract

प्रायः सरकारी स्कूलों की प्राथमिक स्तर की कक्षाओं में यह देखा जाता रहा है कि इस स्तर पर बच्चों में पढ़ना-लिखना, सीखना-सिखाना तथा पठन जैसे कौशलों का विकास कैसे किया जाए, यह एक गंभीर मुद्दा होता है। कक्षा में बच्चों के कमजोर पठन-बोध को एक ‘समस्या’ की तरह देखा जाता है। पाठ्य-पुस्तकों में आने वाले बदलावों व राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के आने के उप्रान्त भी पढ़ने को लेकर प्रायः कक्षाएँ संदर्भ रहित व और अर्थहीनता के उपागम को अनुसरित करती दिखती हैं, जहाँ पढ़ाई की शुरुआत ही अक्षरों के विभाजन से होती है। इन वर्तमान परिस्थितियों में प्राथमिक शालाओं में निस्संदेह बच्चों को रोचक व सार्थक रूप में पढ़ना-लिखना सिखाना चुनौतीपूर्ण कार्य तो है, परंतु कक्षागत स्तर पर बच्चों के सीखने के तरीकों का सूक्ष्म निरीक्षण व सैद्धांतिकी की समझ के साथ कक्षा में होने वाले दैनिक अनुभवों पर चिंतन से यह चुनौती संभवतः सरल हो सकती है। प्रस्तुत लेख में कक्षा तीन में प्रशिक्षु शिक्षण के दौरान हुए कुछ ऐसे ही रोचक अनुभवों के हवाले से बच्चों में पढ़ने की आदतों का विकास किस प्रकार संभव हो सकता है, जैसे विषय पर चर्चा की गई है।